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 प्रीतम दास जी महाराज के जन्मोत्सव में शामिल हुए राज्यपाल


राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि स्वामी प्रीतम दास जी महाराज का जीवन और उनकी शिक्षा एक दीपक की तरह है, जो चारों ओर उजाला फैलाती हैं। हमें उनकी शिक्षाओं से जीवन के प्रति बोध विकसित कर परमार्थ और परोपकार की भावना के साथ जीवन जीना चाहिए। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज इंदौर में प्रीतम दास जी महाराज के जन्मोत्सव को संबोधित कर रहे थे।

            राज्यपाल श्री  पटेल ने कहा कि उनका बचपन से ही सिन्धी समाज से जुड़ाव रहा है। संत श्री प्रीतम दास महाराज का नवसारी (राज्यपाल का पैतृक नगर) से भी संबंध रहा है। उनके अनेक अनुयायी वहाँ रहते हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि संतों की शिक्षा, कथा और प्रवचन का बहुत लाभ होता है। हमें कथाओं और  प्रवचन में सुनी और समझी गई संतों की शिक्षाएँ घर आकर बच्चों को भी बताकर उन्हें संस्कारित करना चाहिए। 

            सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि स्वामी प्रीतम दास का व्यक्तित्व चमत्कारी था। उन्होंने सदैव व्यवहारिक नजरिया रखा। उन्होंने बताया कि भंवरकुआ की ओर जाने वाली सड़क पहले बहुत सँकरी थी। जब इसके विस्तार की बात चली तो इसमें मंदिर का कुछ हिस्सा भी टूटना था। स्वामी प्रीतम दास के पास जब वे आए तो उन्होंने मंदिर का अगला हिस्सा तोड़ने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर एक मिसाल क़ायम की। कार्यक्रम में नवसारी से आए  श्री प्रेम कुमार और श्री रमेश हीरानी ने राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

राज्यपाल श्री पटेल ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। स्वामी प्रीतम दास महाराज ने परंपरानुसार राज्यपाल का कंबल ओढ़ाकर स्वागत किया। विधायक, जन-प्रतिनिधि सहित सिंधी समाज के पदाधिकारी एवं नागरिक उपस्थित रहे।

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